ऐपल ने वित्त वर्ष 2025  में भारत से 1,50,000 करोड़ रुपये मूल्य (एफओबी) के आईफोन का निर्यात किया है। पिछले साल की तुलना में यह आंकड़ा न केवल 76  फीसदी अधिक है बल्कि यह उत्पादन संबंधी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत कंपनी के तय लक्ष्य का दोगुना भी है। ऐपल के वेंडरों द्वारा सरकार को दिए आंकड़ों से यह पता चला है।

ऐपल ने यह कारनामा ऐसे समय में किया है जब अमेरिका ने भारत सहित दुनिया के तमाम देशों पर ऊंचा शुल्क लगा दिए हैं। इन शुल्कों से भारत से होने वाले निर्यात पर अनिश्चितताओं के बादल छा गए हैं। वित्त वर्ष 2024  में 85,000 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात हुआ था। वित्त वर्ष 2025  के लिए कंपनी ने पीएलआई योजना के तहत 74,900  करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन निर्यात का लक्ष्य रखा था।

आईसीईए के अनुमानों के अनुसार भारत से स्मार्टफोन के कुल निर्यात में ऐपल की हिस्सेदारी बढ़कर 75  फीसदी तक पहुंच जाएगी। आईसीईए ने कहा कि भारत से 2,00,000 करोड़ रुपये मूल्य के स्मार्टफोन के निर्यात होने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष प्रत्येक महीने औसतन 12,500 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात हुआ था जबकि वित्त वर्ष 2024  में यह आंकड़ा 7,083 करोड़ रुपये रहा था। ऐपल के प्रवक्ता से जब संपर्क साधा गया तो उन्होंने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया।

आईसीईए के अनुमानों के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में स्मार्टफोन का कुल निर्यात वित्त वर्ष 2024 (1,30,000 करोड़ रुपये) की तुलना में 53 प्रतिशत से अधिक रहा।

देश से स्मार्टफोन ने कुल निर्यात में आईफोन की हिस्सेदारी काफी बढ़ गई है। वित्त वर्ष 2024 में स्मार्टफोन के कुल निर्यात में आईफोन की हिस्सेदारी 66 फीसदी रही। अनुमानों के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में इसका हिस्सा बढ़कर 75 फीसदी तक पहुंच सकता है।

कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 की आखिरी तिमाही में एक और कीर्तिमान बना डाला। कंपनी ने जनवरी-मार्च तिमाही में 55,000 करोड़ रुपये मूल्य से अधिक के आईफोन का निर्यात किया। जनवरी में कंपनी ने 18,000 करोड़ और फरवरी में 17,500 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात किया था।

मगर मध्य फरवरी में अमेरिका की तरफ से शुल्क लगाने की धमकी के बाद से कंपनी अमेरिका के लिए अतिरिक्त भंडार तैयार करने के लिए अपनी क्षमता धीरे-धीरे बढ़ाती रही और मार्च में कंपनी ने 20,000 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात किया।

आईसीईए के अनुसार उद्योग के स्तर पर मार्च में कुल 23,634 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ। मगर अब अमेरिका द्वारा शुल्कों की घोषणा के बाद भारत सहित दुनिया में खलबली मच गई है। अमेरिका ने भारत पर भी 26 फीसदी शुल्क लगा दिया है जिससे यहां से इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं एवं आईफोन का निर्यात प्रभावित हो सकता है।

आईसीईए ने अनुमान जताया है कि भारत से अमेरिका को स्मार्टफोन का निर्यात वित्त वर्ष 2025 में 10 अरब डॉलर से अधिक हो गया है, जो वित्त वर्ष 2024 की तुलना में 78 फीसदी अधिक है। वित्त वर्ष 2024  में भारत ने अमेरिका को 5.6  अरब डॉलर मूल्य के स्मार्टफोन का निर्यात किया था जिसमें आईफोन की बड़ी हिस्सेदारी थी। साल की पहली तिमाही में ऐपल हमेशा कम निर्यात करती है मगर दूसरी तिमाही में अक्सर इसमें तेजी आती दिखी है।

सरकार ने वर्ष 2021 में जब से पीएलआई योजना की शुरुआत की है तब से भारत से स्मार्टफोन के निर्यात में शानदार इजाफा हुआ है। पीएलआई योजना पांचवें साल में पहुंच गई है और इसका आखिरी साल भी है। पिछले पांच वर्षों के दौरान भारत से स्मार्टफोन का निर्यात लगभग 10 गुना बढ़ चुका है। वित्त वर्ष 2021 में भारत ने 22,686 करोड़ रुपये मूल्य के स्मार्टफोन का निर्यात किया था। भारत से स्मार्टफोन का निर्यात वित्त वर्ष 2015 में 167वें स्थान पर हुआ करता था मगर दिसंबर 2024 तक यह सुधरकर दूसरे स्थान पर पहुंच गया। स्मार्टफोन के निर्यात से इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का निर्यात भी बढ़ गया है। वित्त वर्ष 2021 में भारत से निर्यात में इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का स्थान सातवें स्थान पर था मगर वित्त वर्ष 2024 के अंत में यह बढ़कर पांचवें स्थान पर पहुंच गया। इससे उत्साहित होकर सरकार ने 28 मार्च को 22,919 करोड़ रुपये मूल्य की इलेक्ट्रॉनिक्स पुर्जा विनिर्माण योजना की घोषणा की है।