पत्रकारों का तीर्थस्थल है माधवराव सप्रे समाचार पत्र संग्रहालय : मंत्री विजयवर्गीय

भोपाल : नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि किसी शहर के संग्रहालय और शिक्षण संस्थान धरोहर के समान हैं इनका समृद्ध होना समाज के गौरव को बढ़ाता है। उन्होंने माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय के गौरवशाली इतिहास की प्रशंसा की। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि आधुनिक युग में नौजवान पीढ़ी के लिये डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा बहुत उपयोगी रहेगी। मंत्री विजयवर्गीय रविवार को भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के मौके पर डिजिटल लाइब्रेरी के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में संग्रहालय की स्थापना से लेकर अब तक के सफर में सहयोग करने वाली संस्थाओं और हस्तियों का सम्मान किया गया।
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। उनके इस संकल्प को शैक्षणिक संस्थानों को समृद्ध करके पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सप्रे संग्रहालय की शुरूआत एक छोटे स्वरूप में हुई थी। लगभग पिछले 4 दशकों में इस संस्थान ने अपनी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर ली है। पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री सुरेश पचौरी ने अपने उदबोधन में कहा कि विजयदत्त श्रीधर ने अपनी लगन से भोपाल शहर को एक अमूल्य धरोहर दी है, जिसका लाभ लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों को निरंतर मिलता रहेगा। पूर्व केन्द्रीय मंत्री पचौरी ने भारतीय स्टेट बैंक के सीएसआर फंड से दी जाने वाली मदद को सराहनीय बताया।
संस्थान के संस्थापक सदस्य विजयदत्त श्रीधर ने बताया कि माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान पुस्तकालय सेवा के 3 प्रारूप में कार्यरत है। पत्रकार एवं पाठक वर्ष 1984 से इसका लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक की सामाजिक सेवा बैंकिंग के अंतर्गत सीएसआर मद से उपलब्ध धन राशि से सप्रे संग्रहालय के 20 लाख दुर्लभ दस्तावेजों और पुराने जर्जर पृष्ठों का डिजिटलीकरण हुआ है। संग्रहालय की संदर्भ सामग्री का फायदा लेकर 1240 शोधार्थियों ने विभिन्न विश्वविद्यालयों से पीएचडी एवं डी.लिट्. की उपाधियां अर्जित की हैं। संग्रहालय में बिजली की बचत के लिये 10 किलोवाट क्षमता क सौर ऊर्जा पैनल भी लगाये गये है।
समारोह में सहयोग देने वाली संस्थाओं के साथ शिवकुमार अवस्थी, स्व. सुरेश शर्मा, स्व. शौकत रमूजी के उल्लेखनीय योगदान के लिये उनके परिजनों को सम्मानित किया गया।